मुख्यमंत्री ने किया दून हाट का शुभारम्भ


देहरादून: उत्तराखंड के स्थानीय हस्तशिल्प व हथकरघा उत्पादों की मार्केटिंग प्रोत्साहन हेतु, मुख्यमत्री रावत ने 'दून हाट' का शुभारम्भ किया। उन्होंने कहा कि नाबार्ड के सहयोग से निर्मित दून हाट दिल्ली हाट की तर्ज पर एक ऐसे स्थान के रूप में विकसित होगा जहाँ देश-विदेश के पर्यटकों को राज्य के स्थानीय उत्पादों के साथ-साथ संस्कृति, कला एवं विशिष्टताओं से परिचित होने का अवसर मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दून हाट की स्थापना से राज्य की परंपरागत विधा को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। दून हाट प्रदेश में संस्कृति ग्राम की परिकल्पना को साकार करने में मददगार होगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड आने वाले पर्यटक उत्तराखण्ड की खासियत तथा उत्पादों के बारे में सवाल करते हैं, इस हाट की स्थापना से उन्हें स्थानीय उत्पादों की उपलब्धता एक ही स्थान पर हो सकेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अन्य और स्थानों पर हाट की स्थापना से हमारे परंपरागत शिल्प एवं उत्पादों को बेहतर साधन एवं स्थान उपलब्ध होने के साथ ही हमारे शिल्पियों को भी पहचान मिलेगी। उन्होंने इस प्रकार के प्रयोगों के लिए राजस्थान में स्थापित शिल्प ग्राम का भी उदाहरण दिया।


उन्होंने प्रदेश में परम्परागत शिल्प के संरक्षण, संवर्धन एवं प्रोत्साहन हेतु पारम्परिक कला, संस्कृति की परम्परा को बढ़ावा देने एवं शिल्पियों की कल्पनाशीलता, योग्यता तथा कारीगरी को प्रोत्साहित करने एवं शिल्प क्षेत्र में विशिष्ट योगदान देने वाले 5 शिल्पियों को ''उत्तराखण्ड शिल्प रत्न पुरस्कार'' योजना के अंतर्गत पुरस्कार स्वरूप एक-एक लाख की धनराशि, अंगवस्त्र एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। वर्ष 2018 हेतु जिन सिद्धहस्तशिल्पियों को शिल्प रत्न पुरस्कार प्रदान किया गया उनमें श्रीमती बीना पुण्डीर मुनिकीरेती, श्रीमती ऊषा नकोटी, चम्बा, टिहरी गढ़वाल, श्री किशन राम बेरीनाग, पिथौरागढ़, श्री भुवन चन्द्र शाह रानीखेत, अल्मोड़ा, श्री ललिता प्रसाद देवलधार, बागेश्वर शामिल हैं। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने दून हाट में स्थापित विभिन्न समूहों एवं संस्थाओं द्वारा स्थापित स्टालों का निरीक्षण कर उनके प्रयासों की सराहना की।


इस अवसर पर विधायक श्री गणेश जोशी, उपाध्यक्ष उत्तराखण्ड हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद श्री रोशन लाल सेमवाल, आयुक्त उद्योग श्री एल. फैनई, नाबार्ड के सीजीएम श्री सुनील चावला, उपनिदेशक उद्योग श्री अनुपम द्विवेदी आदि उपस्थित थे।